तंग दिल है जो इंतकाम लिए फिरते हैं.…।
तंग दिल है जो इंतकाम लिए फिरते हैं
जखम देतें हैं नमकदानहैं लिए फिरते हैं
तेरे जहान में ऊँचे हैं घरोंदे जिनके
वो तालूखात के इल्जाम लिए फिरते हैं
एक उम्र काट दी गुमनामियों के जंगल में
आज निकले हैं तो पहचान लिए फिरते हैं
फलसफा ये है कि झुकता है जमाना उन पर
जो आफ़ताब औ तूफ़ान लिए फिरते हैं
वक्त इंसा को पशेमान बना देता है
ये उनसे पूछो जो अहसान लिए फिरते हैं
प्यार तो मीत है कोई बता दे उनको
अपनी गैरत को जो नीलाम किये फिरते हैं।